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कल्याणक क्षेत्र

कल्याणक क्षेत्र

जैन ग्रन्थों के अनुसार वे पाँच मुख्य घटनाएँ हैं जो सभी तीर्थंकरों के जीवन में घटित होती हैं। ये पाँच कल्याणक हैं –

  • गर्भ कल्याणक : जब तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है।
  • जन्म कल्याणक : जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है।
  • दीक्षा कल्याणक : जब तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते है।
  • केवल ज्ञान कल्याणक : जब तीर्थंकर को कैवल्य की प्राप्ति होती है।
  • मोक्ष कल्याणक : जब भगवान शरीर का त्यागकर अर्थात सभी कर्म नष्ट करके निर्वाण/ मोक्ष को प्राप्त करते है।