इस क्षेत्र पर तीन प्राचीन मन्दिर हैं। एक नूतन मन्दिर है । गांव के मध्य में जो मन्दिर है उसमें श्री 1008 अंतरिक्ष पार्श्वनाथ की दिगम्बर जैन प्राचीन प्रतिमा जमीन से ऊपर (अंतरिक्ष) में विराजमान है। इसी में 16 अन्य वेदियाँ हैं। दो हेमाडपंथी मन्दिर काले पत्थर से निर्मित बगीचे में स्थित हैं। यहाँ के कुएँ के जल से स्नान करने पर कुष्ट रोग, चर्म रोग, शरीर के विकार नष्ट हो जाते हैं। यहाँ की पुरानी ईंट (पत्थर) पानी में तैरती हैं। इस मन्दिर के पास में एक नूतन पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर बना है ।